فَيَقُولُوا هَلْ نَحْنُ مُنْظَرُونَ 203
(मगर जब अज़ाब नाज़िल होगा) तो वह लोग कहेंगे कि क्या हमें (इस वक्त क़ुछ) मोहलत मिल सकती है