अगर तुम उस रसूल की मदद न करोगे तो (कुछ परवाह् नहीं ख़ुदा मददगार है) उसने तो अपने रसूल की उस वक्त मदद की जब उसकी कुफ्फ़ार (मक्का) ने (घर से) निकल बाहर किया उस वक्त सिर्फ (दो आदमी थे) दूसरे रसूल थे जब वह दोनो ग़ार (सौर) में थे जब अपने साथी को (उसकी गिरिया व ज़ारी (रोने) पर) समझा रहे थे कि घबराओ नहीं ख़ुदा यक़ीनन हमारे साथ है तो ख़ुदा ने उन पर अपनी (तरफ से) तसकीन नाज़िल फरमाई और (फ़रिश्तों के) ऐसे लश्कर से उनकी मदद की जिनको तुम लोगों ने देखा तक नहीं और ख़ुदा ने काफिरों की बात नीची कर दिखाई और ख़ुदा ही का बोल बाला है और ख़ुदा तो ग़ालिब हिकमत वाला है