وَقَالَ الرَّسُولُ يَا رَبِّ إِنَّ قَوْمِي اتَّخَذُوا هَٰذَا الْقُرْآنَ مَهْجُورًا 30
और (उस वक्त) रसूल (बारगाहे ख़ुदा वन्दी में) अर्ज़ करेगें कि ऐ मेरे परवरदिगार मेरी क़ौम ने तो इस क़ुरान को बेकार बना दिया