لِيَحْمِلُوا أَوْزَارَهُمْ كَامِلَةً يَوْمَ الْقِيَامَةِ ۙ وَمِنْ أَوْزَارِ الَّذِينَ يُضِلُّونَهُمْ بِغَيْرِ عِلْمٍ ۗ أَلَا سَاءَ مَا يَزِرُونَ 25
(उनको बकने दो ताकि क़यामत के दिन) अपने (गुनाहों) के पूरे बोझ और जिन लोगों को उन्होंने बे समझे बूझे गुमराह किया है उनके (गुनाहों के) बोझ भी उन्हीं को उठाने पड़ेगें ज़रा देखो तो कि ये लोग कैसा बुरा बोझ अपने ऊपर लादे चले जा रहें हैं