حَتَّىٰ إِذَا اسْتَيْأَسَ الرُّسُلُ وَظَنُّوا أَنَّهُمْ قَدْ كُذِبُوا جَاءَهُمْ نَصْرُنَا فَنُجِّيَ مَنْ نَشَاءُ ۖ وَلَا يُرَدُّ بَأْسُنَا عَنِ الْقَوْمِ الْمُجْرِمِينَ 110
पहले के पैग़म्बरो ने तबलीग़े रिसालत यहाँ वक कि जब (क़ौम के ईमान लाने से) पैग़म्बर मायूस हो गए और उन लोगों ने समझ लिया कि वह झुठलाए गए तो उनके पास हमारी (ख़ास) मदद आ पहुँची तो जिसे हमने चाहा नजात दी और हमारा अज़ाब गुनेहगार लोगों के सर से तो टाला नहीं जाता