فَذَٰلِكُمُ اللَّهُ رَبُّكُمُ الْحَقُّ ۖ فَمَاذَا بَعْدَ الْحَقِّ إِلَّا الضَّلَالُ ۖ فَأَنَّىٰ تُصْرَفُونَ 32
फिर वही ख़ुदा तो तुम्हारा सच्चा रब है फिर हक़ बात के बाद गुमराही के सिवा और क्या है फिर तुम कहाँ फिरे चले जा रहे हो