وَسُيِّرَتِ الْجِبَالُ فَكَانَتْ سَرَابًا 20
तो (उसमें) दरवाज़े हो जाएँगे और पहाड़ (अपनी जगह से) चलाए जाएँगे तो रेत होकर रह जाएँगे