وَبِالْحَقِّ أَنْزَلْنَاهُ وَبِالْحَقِّ نَزَلَ ۗ وَمَا أَرْسَلْنَاكَ إِلَّا مُبَشِّرًا وَنَذِيرًا 105
और (ऐ रसूल) हमने इस क़ुरान को बिल्कुल ठीक नाज़िल किया और बिल्कुल ठीक नाज़िल हुआ और तुमको तो हमने (जन्नत की) खुशखबरी देने वाला और (अज़ाब से) डराने वाला (रसूल) बनाकर भेजा है