और ख़ुदा ही ने तुमको पैदा किया फिर वही तुमको (दुनिया से) उठा लेगा और तुममें से बाज़ ऐसे भी हैं जो ज़लील ज़िन्दगी (सख्त बुढ़ापे) की तरफ लौटाए जाते हैं (बहुत कुछ) जानने के बाद (ऐसे सड़ीले हो गए कि) कुछ नहीं जान सके बेशक ख़ुदा (सब कुछ) जानता और (हर तरह की) कुदरत रखता है