الَّذِينَ تَتَوَفَّاهُمُ الْمَلَائِكَةُ طَيِّبِينَ ۙ يَقُولُونَ سَلَامٌ عَلَيْكُمُ ادْخُلُوا الْجَنَّةَ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُونَ 32
(ये) वह लोग हैं जिनकी रुहें फरिश्ते इस हालत में क़ब्ज़ करतें हैं कि वह (नजासते कुफ्र से) पाक व पाकीज़ा होते हैं तो फरिश्ते उनसे (निहायत तपाक से) कहते है सलामुन अलैकुम जो नेकियाँ दुनिया में तुम करते थे उसके सिले में जन्नत में (बेतकल्लुफ) चले जाओ