قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ النَّاسِ 1
(ऐ रसूल) तुम कह दो मैं लोगों के परवरदिगार
लोगों के बादशाह
लोगों के माबूद की (शैतानी)
مِنْ شَرِّ الْوَسْوَاسِ الْخَنَّاسِ 4
वसवसे की बुराई से पनाह माँगता हूँ
الَّذِي يُوَسْوِسُ فِي صُدُورِ النَّاسِ 5
जो (ख़ुदा के नाम से) पीछे हट जाता है जो लोगों के दिलों में वसवसे डाला करता है
जिन्नात में से ख्वाह आदमियों में से