أَلَمْ تَرَ كَيْفَ فَعَلَ رَبُّكَ بِأَصْحَابِ الْفِيلِ 1
ऐ रसूल क्या तुमने नहीं देखा कि तुम्हारे परवरदिगार ने हाथी वालों के साथ क्या किया
أَلَمْ يَجْعَلْ كَيْدَهُمْ فِي تَضْلِيلٍ 2
क्या उसने उनकी तमाम तद्बीरें ग़लत नहीं कर दीं (ज़रूर)
وَأَرْسَلَ عَلَيْهِمْ طَيْرًا أَبَابِيلَ 3
और उन पर झुन्ड की झुन्ड चिड़ियाँ भेज दीं
تَرْمِيهِمْ بِحِجَارَةٍ مِنْ سِجِّيلٍ 4
जो उन पर खरन्जों की कंकरियाँ फेकती थीं
فَجَعَلَهُمْ كَعَصْفٍ مَأْكُولٍ 5
तो उन्हें चबाए हुए भूस की (तबाह) कर दिया