कुल व माल की बहुतायत ने तुम लोगों को ग़ाफ़िल रखा
حَتَّىٰ زُرْتُمُ الْمَقَابِرَ 2
यहाँ तक कि तुम लोगों ने कब्रें देखी (मर गए)
देखो तुमको अनक़रीब ही मालुम हो जाएगा
ثُمَّ كَلَّا سَوْفَ تَعْلَمُونَ 4
फिर देखो तुम्हें अनक़रीब ही मालूम हो जाएगा
كَلَّا لَوْ تَعْلَمُونَ عِلْمَ الْيَقِينِ 5
देखो अगर तुमको यक़ीनी तौर पर मालूम होता (तो हरगिज़ ग़ाफिल न होते)
तुम लोग ज़रूर दोज़ख़ को देखोगे
ثُمَّ لَتَرَوُنَّهَا عَيْنَ الْيَقِينِ 7
फिर तुम लोग यक़ीनी देखना देखोगे
ثُمَّ لَتُسْأَلُنَّ يَوْمَئِذٍ عَنِ النَّعِيمِ 8
फिर तुमसे नेअमतों के बारें ज़रूर बाज़ पुर्स की जाएगी