खड़खड़ाने वाली
वह खड़खड़ाने वाली क्या है
وَمَا أَدْرَاكَ مَا الْقَارِعَةُ 3
और तुम को क्या मालूम कि वह खड़खड़ाने वाली क्या है
يَوْمَ يَكُونُ النَّاسُ كَالْفَرَاشِ الْمَبْثُوثِ 4
जिस दिन लोग (मैदाने हश्र में) टिड्डियों की तरह फैले होंगे
وَتَكُونُ الْجِبَالُ كَالْعِهْنِ الْمَنْفُوشِ 5
और पहाड़ धुनकी हुई रूई के से हो जाएँगे
فَأَمَّا مَنْ ثَقُلَتْ مَوَازِينُهُ 6
तो जिसके (नेक आमाल) के पल्ले भारी होंगे
فَهُوَ فِي عِيشَةٍ رَاضِيَةٍ 7
वह मन भाते ऐश में होंगे
وَأَمَّا مَنْ خَفَّتْ مَوَازِينُهُ 8
और जिनके आमाल के पल्ले हल्के होंगे
तो उनका ठिकाना न रहा
और तुमको क्या मालूम हाविया क्या है
वह दहकती हुई आग है