وَلَا أُقْسِمُ بِالنَّفْسِ اللَّوَّامَةِ 2
(और बुराई से) मलामत करने वाले जी की क़सम खाता हूँ (कि तुम सब दोबारा) ज़रूर ज़िन्दा किए जाओगे