يَا بَنِي آدَمَ إِمَّا يَأْتِيَنَّكُمْ رُسُلٌ مِنْكُمْ يَقُصُّونَ عَلَيْكُمْ آيَاتِي ۙ فَمَنِ اتَّقَىٰ وَأَصْلَحَ فَلَا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُونَ 35
ऐ औलादे आदम जब तुम में के (हमारे) पैग़म्बर तुम्हारे पास आए और तुमसे हमारे एहकाम बयान करे तो (उनकी इताअत करना क्योंकि जो शख्स परहेज़गारी और नेक काम करेगा तो ऐसे लोगों पर न तो (क़यामत में) कोई ख़ौफ़ होगा और न वह आर्ज़दा ख़ातिर (परेशान) होंगे