وَلَا يَسْتَطِيعُونَ لَهُمْ نَصْرًا وَلَا أَنْفُسَهُمْ يَنْصُرُونَ 192
और न उनकी मदद की कुदरत रखते हैं और न आप अपनी मदद कर सकते हैं