وَقَطَّعْنَاهُمْ فِي الْأَرْضِ أُمَمًا ۖ مِنْهُمُ الصَّالِحُونَ وَمِنْهُمْ دُونَ ذَٰلِكَ ۖ وَبَلَوْنَاهُمْ بِالْحَسَنَاتِ وَالسَّيِّئَاتِ لَعَلَّهُمْ يَرْجِعُونَ 168
और हमने उनको रूए ज़मीन में गिरोह गिरोह तितिर बितिर कर दिया उनमें के कुछ लोग तो नेक हैं और कुछ लोग और तरह के (बदकार) हैं और हमने उन्हें सुख और दुख (दोनो तरह) से आज़माया ताकि वह (शरारत से) बाज़ आए