ترجمة سورة الأنعام الآية 152

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَلَا تَقْرَبُوا مَالَ الْيَتِيمِ إِلَّا بِالَّتِي هِيَ أَحْسَنُ حَتَّىٰ يَبْلُغَ أَشُدَّهُ ۖ وَأَوْفُوا الْكَيْلَ وَالْمِيزَانَ بِالْقِسْطِ ۖ لَا نُكَلِّفُ نَفْسًا إِلَّا وُسْعَهَا ۖ وَإِذَا قُلْتُمْ فَاعْدِلُوا وَلَوْ كَانَ ذَا قُرْبَىٰ ۖ وَبِعَهْدِ اللَّهِ أَوْفُوا ۚ ذَٰلِكُمْ وَصَّاكُمْ بِهِ لَعَلَّكُمْ تَذَكَّرُونَ 152

लेकिन इस तरीके पर कि (उसके हक़ में) बेहतर हो यहाँ तक कि वह अपनी जवानी की हद को पहुंच जाए और इन्साफ के साथ नाप और तौल पूरी किया करो हम किसी शख्स को उसकी ताक़त से बढ़कर तकलीफ नहीं देते और (चाहे कुछ हो मगर) जब बात कहो तो इन्साफ़ से अगरचे वह (जिसके तुम ख़िलाफ न हो) तुम्हारा अज़ीज़ ही (क्यों न) हो और ख़ुदा के एहद व पैग़ाम को पूरा करो यह वह बातें हैं जिनका ख़ुदा ने तुम्हे हुक्म दिया है कि तुम इबरत हासिल करो और ये भी (समझ लो) कि यही मेरा सीधा रास्ता है