لَهُمْ دَارُ السَّلَامِ عِنْدَ رَبِّهِمْ ۖ وَهُوَ وَلِيُّهُمْ بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ 127
उनके वास्ते उनके परवरदिगार के यहाँ अमन व चैन का घर (बेहश्त) है और दुनिया में जो कारगुज़ारियाँ उन्होने की थीं उसके ऐवज़ ख़ुदा उन का सरपरस्त होगा