(मुसलमानों) अब जो तुम (ख़ैबर की) ग़नीमतों के लेने को जाने लगोगे तो जो लोग (हुदैबिया से) पीछे रह गये थे तुम से कहेंगे कि हमें भी अपने साथ चलने दो ये चाहते हैं कि ख़ुदा के क़ौल को बदल दें तुम (साफ) कह दो कि तुम हरगिज़ हमारे साथ नहीं चलने पाओगे ख़ुदा ने पहले ही से ऐसा फ़रमा दिया है तो ये लोग कहेंगे कि तुम लोग तो हमसे हसद रखते हो (ख़ुदा ऐसा क्या कहेगा) बात ये है कि ये लोग बहुत ही कम समझते हैं