وَيَا قَوْمِ مَا لِي أَدْعُوكُمْ إِلَى النَّجَاةِ وَتَدْعُونَنِي إِلَى النَّارِ 41
और ऐ मेरी क़ौम मुझे क्या हुआ है कि मैं तुमको नजाद की तरफ बुलाता हूँ और तुम मुझे दोज़ख़ की तरफ बुलाते हो