وَإِذَا حُيِّيتُمْ بِتَحِيَّةٍ فَحَيُّوا بِأَحْسَنَ مِنْهَا أَوْ رُدُّوهَا ۗ إِنَّ اللَّهَ كَانَ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ حَسِيبًا 86
और जब कोई शख्स सलाम करे तो तुम भी उसके जवाब में उससे बेहतर तरीक़े से सलाम करो या वही लफ्ज़ जवाब में कह दो बेशक ख़ुदा हर चीज़ का हिसाब करने वाला है