وَاسْتَغْفِرِ اللَّهَ ۖ إِنَّ اللَّهَ كَانَ غَفُورًا رَحِيمًا 106
और (अपनी उम्मत के लिये) ख़ुदा से मग़फ़िरत की दुआ मॉगों बेशक ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है