क्या तुमने इस पर ग़ौर नहीं किया कि खुदा ही ने आसमान से पानी बरसाया फिर उसको ज़मीन में चश्में बनाकर जारी किया फिर उसके ज़रिए से रंग बिरंग (के गल्ले) की खेती उगाता है फिर (पकने के बाद) सूख जाती है तो तुम को वह ज़र्द दिखायी देती है फिर खुदा उसे चूर-चूर भूसा कर देता है बेशक इसमें अक्लमन्दों के लिए (बड़ी) इबरत व नसीहत है