ترجمة سورة فاطر الآية 45

ترجمة سهيل فاروق خان (Suhel Farooq Khan)

وَلَوْ يُؤَاخِذُ اللَّهُ النَّاسَ بِمَا كَسَبُوا مَا تَرَكَ عَلَىٰ ظَهْرِهَا مِنْ دَابَّةٍ وَلَٰكِنْ يُؤَخِّرُهُمْ إِلَىٰ أَجَلٍ مُسَمًّى ۖ فَإِذَا جَاءَ أَجَلُهُمْ فَإِنَّ اللَّهَ كَانَ بِعِبَادِهِ بَصِيرًا 45

और अगर (कहीं) खुदा लोगों की करतूतों की गिरफ्त करता तो (जैसी उनकी करनी है) रूए ज़मीन पर किसी जानवर को बाक़ी न छोड़ता मगर वह तो एक मुक़र्रर मियाद तक लोगों को मोहलत देता है (कि जो करना हो कर लो) फिर जब उनका (वह) वक्त अा जाएगा तो खुदा यक़ीनी तौर पर अपने बन्दों (के हाल) को देख रहा है (जो जैसा करेगा वैसा पाएगा)