فَأَعْرَضُوا فَأَرْسَلْنَا عَلَيْهِمْ سَيْلَ الْعَرِمِ وَبَدَّلْنَاهُمْ بِجَنَّتَيْهِمْ جَنَّتَيْنِ ذَوَاتَيْ أُكُلٍ خَمْطٍ وَأَثْلٍ وَشَيْءٍ مِنْ سِدْرٍ قَلِيلٍ 16
इस पर भी उन लोगों ने मुँह फेर लिया (और पैग़म्बरों का कहा न माना) तो हमने (एक ही बन्द तोड़कर) उन पर बड़े ज़ोरों का सैलाब भेज दिया और (उनको तबाह करके) उनके दोनों बाग़ों के बदले ऐसे दो बाग़ दिए जिनके फल बदमज़ा थे और उनमें झाऊ था और कुछ थोड़ी सी बेरियाँ थी