لِيُعَذِّبَ اللَّهُ الْمُنَافِقِينَ وَالْمُنَافِقَاتِ وَالْمُشْرِكِينَ وَالْمُشْرِكَاتِ وَيَتُوبَ اللَّهُ عَلَى الْمُؤْمِنِينَ وَالْمُؤْمِنَاتِ ۗ وَكَانَ اللَّهُ غَفُورًا رَحِيمًا 73
इसका नतीजा यह हुआ कि खुदा मुनाफिक़ मर्दों और मुनाफिक़ औरतों और मुशरिक मर्दों और मुशरिक औरतों को (उनके किए की) सज़ा देगा और ईमानदार मर्दों और ईमानदार औरतों की (तक़सीर अमानत की) तौबा क़ुबूल फरमाएगा और खुदा तो बड़ा बख़शने वाला मेहरबान है