قُلْ مَنْ ذَا الَّذِي يَعْصِمُكُمْ مِنَ اللَّهِ إِنْ أَرَادَ بِكُمْ سُوءًا أَوْ أَرَادَ بِكُمْ رَحْمَةً ۚ وَلَا يَجِدُونَ لَهُمْ مِنْ دُونِ اللَّهِ وَلِيًّا وَلَا نَصِيرًا 17
(ऐ रसूल) तुम उनसे कह दो कि अगर खुदा तुम्हारे साथ बुराई का इरादा कर बैठे तो तुम्हें उसके (अज़ाब) से कौन ऐसा है जो बचाए या भलाई ही करना चाहे (तो कौन रोक सकता है) और ये लोग खुदा के सिवा न तो किसी को अपना सरपरस्त पाएँगे और न मद्दगार