فَآتِ ذَا الْقُرْبَىٰ حَقَّهُ وَالْمِسْكِينَ وَابْنَ السَّبِيلِ ۚ ذَٰلِكَ خَيْرٌ لِلَّذِينَ يُرِيدُونَ وَجْهَ اللَّهِ ۖ وَأُولَٰئِكَ هُمُ الْمُفْلِحُونَ 38
(तो ऐ रसूल अपनी) क़राबतदार (फातिमा ज़हरा) का हक़ फिदक दे दो और मोहताज व परदेसियों का (भी) जो लोग ख़ुदा की ख़ुशनूदी के ख्वाहॉ हैं उन के हक़ में सब से बेहतर यही है और ऐसे ही लोग आखेरत में दिली मुरादे पाएँगें