ذُرِّيَّةً بَعْضُهَا مِنْ بَعْضٍ ۗ وَاللَّهُ سَمِيعٌ عَلِيمٌ 34
बाज़ की औलाद को बाज़ से और ख़ुदा (सबकी) सुनता (और सब कुछ) जानता है