وَأَطِيعُوا اللَّهَ وَالرَّسُولَ لَعَلَّكُمْ تُرْحَمُونَ 132
और ख़ुदा और रसूल की फ़रमाबरदारी करो ताकि तुम पर रहम किया जाए