وَمَا يَفْعَلُوا مِنْ خَيْرٍ فَلَنْ يُكْفَرُوهُ ۗ وَاللَّهُ عَلِيمٌ بِالْمُتَّقِينَ 115
और वह जो कुछ नेकी करेंगे उसकी हरगिज़ नाक़द्री न की जाएगी और ख़ुदा परहेज़गारों से खूब वाक़िफ़ है