يُعَذِّبُ مَنْ يَشَاءُ وَيَرْحَمُ مَنْ يَشَاءُ ۖ وَإِلَيْهِ تُقْلَبُونَ 21
जिस पर चाहे अज़ाब करे और जिस पर चाहे रहम करे और तुम लोग (सब के सब) उसी की तरफ लौटाए जाओगे