فَعَمِيَتْ عَلَيْهِمُ الْأَنْبَاءُ يَوْمَئِذٍ فَهُمْ لَا يَتَسَاءَلُونَ 66
तब उस दिन उन्हें बातें न सूझ पडेग़ी (और) फिर बाहम एक दूसरे से पूछ भी न सकेगें