وَيَقُولُونَ آمَنَّا بِاللَّهِ وَبِالرَّسُولِ وَأَطَعْنَا ثُمَّ يَتَوَلَّىٰ فَرِيقٌ مِنْهُمْ مِنْ بَعْدِ ذَٰلِكَ ۚ وَمَا أُولَٰئِكَ بِالْمُؤْمِنِينَ 47
और (जो लोग ऐसे भी है जो) कहते हैं कि ख़ुदा पर और रसूल पर ईमान लाए और हमने इताअत क़ुबूल की- फिर उसके बाद उन में से कुछ लोग (ख़ुदा के हुक्म से) मुँह फेर लेते हैं और (सच यूँ है कि) ये लोग ईमानदार थे ही नहीं