وَهَٰذَا ذِكْرٌ مُبَارَكٌ أَنْزَلْنَاهُ ۚ أَفَأَنْتُمْ لَهُ مُنْكِرُونَ 50
और ये (कुरान भी) एक बाबरकत तज़किरा है जिसको हमने उतारा है तो क्या तुम लोग इसको नहीं मानते