مَا يَأْتِيهِمْ مِنْ ذِكْرٍ مِنْ رَبِّهِمْ مُحْدَثٍ إِلَّا اسْتَمَعُوهُ وَهُمْ يَلْعَبُونَ 2
जब उनके परवरदिगार की तरफ से उनके पास कोई नया हुक्म आता है तो उसे सिर्फ कान लगाकर सुन लेते हैं और (फिर उसका) हँसी खेल उड़ाते हैं