إِنَّهُ مَنْ يَأْتِ رَبَّهُ مُجْرِمًا فَإِنَّ لَهُ جَهَنَّمَ لَا يَمُوتُ فِيهَا وَلَا يَحْيَىٰ 74
और (उसी को) सबसे ज्यादा क़याम है इसमें शक नहीं कि जो शख्स मुजरिम होकर अपने परवरदिगार के सामने हाज़िर होगा तो उसके लिए यक़ीनन जहन्नुम (धरा हुआ) है जिसमें न तो वह मरे ही गा और न ज़िन्दा ही रहेगा