مَثَلُ الَّذِينَ يُنْفِقُونَ أَمْوَالَهُمْ فِي سَبِيلِ اللَّهِ كَمَثَلِ حَبَّةٍ أَنْبَتَتْ سَبْعَ سَنَابِلَ فِي كُلِّ سُنْبُلَةٍ مِائَةُ حَبَّةٍ ۗ وَاللَّهُ يُضَاعِفُ لِمَنْ يَشَاءُ ۗ وَاللَّهُ وَاسِعٌ عَلِيمٌ 261
जो लोग अपने माल खुदा की राह में खर्च करते हैं उनके (खर्च) की मिसाल उस दाने की सी मिसाल है जिसकी सात बालियॉ निकलें (और) हर बाली में सौ (सौ) दाने हों और ख़ुदा जिसके लिये चाहता है दूना कर देता है और खुदा बड़ी गुन्जाइश वाला (हर चीज़ से) वाक़िफ़ है