إِنَّا نَحْنُ نَرِثُ الْأَرْضَ وَمَنْ عَلَيْهَا وَإِلَيْنَا يُرْجَعُونَ 40
और ईमान नहीं लाते इसमें शक नहीं कि (एक दिन) ज़मीन के और जो कुछ उस पर है (उसके) हम ही वारिस होंगे