اقْرَأْ كِتَابَكَ كَفَىٰ بِنَفْسِكَ الْيَوْمَ عَلَيْكَ حَسِيبًا 14
और हम उससे कहेंगें कि अपना नामए अमल पढ़ले और आज अपने हिसाब के लिए तू आप ही काफी हैं