وَمَا لَنَا أَلَّا نَتَوَكَّلَ عَلَى اللَّهِ وَقَدْ هَدَانَا سُبُلَنَا ۚ وَلَنَصْبِرَنَّ عَلَىٰ مَا آذَيْتُمُونَا ۚ وَعَلَى اللَّهِ فَلْيَتَوَكَّلِ الْمُتَوَكِّلُونَ 12
और हमें (आख़िर) क्या है कि हम उस पर भरोसा न करें हालॉकि हमे (निजात की) आसान राहें दिखाई और जो तूने अज़ियतें हमें पहुँचाइ (उन पर हमने सब्र किया और आइन्दा भी सब्र करेगें और तवक्कल भरोसा करने वालो को ख़ुदा ही पर तवक्कल करना चाहिए