قَالُوا أَتَعْجَبِينَ مِنْ أَمْرِ اللَّهِ ۖ رَحْمَتُ اللَّهِ وَبَرَكَاتُهُ عَلَيْكُمْ أَهْلَ الْبَيْتِ ۚ إِنَّهُ حَمِيدٌ مَجِيدٌ 73
वह फरिश्ते बोले (हाए) तुम ख़ुदा की कुदरत से ताज्जुब करती हो ऐ अहले बैत (नबूवत) तुम पर ख़ुदा की रहमत और उसकी बरकते (नाज़िल हो) इसमें शक़ नहीं कि वह क़ाबिल हम्द (वासना) बुज़ुर्ग हैं