إِذَا زُلْزِلَتِ الْأَرْضُ زِلْزَالَهَا 1
जब ज़मीन बड़े ज़ोरों के साथ ज़लज़ले में आ जाएगी
وَأَخْرَجَتِ الْأَرْضُ أَثْقَالَهَا 2
और ज़मीन अपने अन्दर के बोझे (मादनयात मुर्दे वग़ैरह) निकाल डालेगी
وَقَالَ الْإِنْسَانُ مَا لَهَا 3
और एक इन्सान कहेगा कि उसको क्या हो गया है
يَوْمَئِذٍ تُحَدِّثُ أَخْبَارَهَا 4
उस रोज़ वह अपने सब हालात बयान कर देगी
بِأَنَّ رَبَّكَ أَوْحَىٰ لَهَا 5
क्योंकि तुम्हारे परवरदिगार ने उसको हुक्म दिया होगा
يَوْمَئِذٍ يَصْدُرُ النَّاسُ أَشْتَاتًا لِيُرَوْا أَعْمَالَهُمْ 6
उस दिन लोग गिरोह गिरोह (अपनी कब्रों से) निकलेंगे ताकि अपने आमाल को देखे
فَمَنْ يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ خَيْرًا يَرَهُ 7
तो जिस शख्स ने ज़र्रा बराबर नेकी की वह उसे देख लेगा
وَمَنْ يَعْمَلْ مِثْقَالَ ذَرَّةٍ شَرًّا يَرَهُ 8
और जिस शख्स ने ज़र्रा बराबर बदी की है तो उसे देख लेगा