وَإِذَا قُرِئَ الْقُرْآنُ فَاسْتَمِعُوا لَهُ وَأَنْصِتُوا لَعَلَّكُمْ تُرْحَمُونَ 204
और ईमानदार लोगों के वास्ते हिदायत और रहमत हैं (लोगों) जब क़ुरान पढ़ा जाए तो कान लगाकर सुनो और चुपचाप रहो ताकि (इसी बहाने) तुम पर रहम किया जाए