كَذَّبَتْ عَادٌ فَكَيْفَ كَانَ عَذَابِي وَنُذُرِ 18
आद (की क़ौम ने) (अपने पैग़म्बर) को झुठलाया तो (उनका) मेरा अज़ाब और डराना कैसा था,