وَمَا خَلَقْتُ الْجِنَّ وَالْإِنْسَ إِلَّا لِيَعْبُدُونِ 56
और मैने जिनों और आदमियों को इसी ग़रज़ से पैदा किया कि वह मेरी इबादत करें