إِنَّمَا يُرِيدُ الشَّيْطَانُ أَنْ يُوقِعَ بَيْنَكُمُ الْعَدَاوَةَ وَالْبَغْضَاءَ فِي الْخَمْرِ وَالْمَيْسِرِ وَيَصُدَّكُمْ عَنْ ذِكْرِ اللَّهِ وَعَنِ الصَّلَاةِ ۖ فَهَلْ أَنْتُمْ مُنْتَهُونَ 91
शैतान की तो बस यही तमन्ना है कि शराब और जुए की बदौलत तुममें बाहम अदावत व दुशमनी डलवा दे और ख़ुदा की याद और नमाज़ से बाज़ रखे तो क्या तुम उससे बाज़ आने वाले हो