إِنَّا فَتَحْنَا لَكَ فَتْحًا مُبِينًا 1
(ऐ रसूल) ये हुबैदिया की सुलह नहीं बल्कि हमने हक़ीक़तन तुमको खुल्लम खुल्ला फतेह अता की